11 Nov 2017

घड़ी


घड़ी

घड़ी पर नज़र लगाए रहते है,
तो लगता है कि समय रुक गया है,
टिक टिक करती सेकंड की सुई बढ़ रही है,
पर बाकी कांटो पर कोई असर ही नही दिखता!

घड़ी से ज़रा सी नज़र हटाते है,
कब समय निकल जाता है,
कब चीज़ें हो जाती है,
पता ही नही चलता!

अब घड़ी रखना बंद कर चुके है,
अंदाज़े से दिन बीत जाता है,
कभी कभी थोड़ा देर आते है,
पर हमेशा दुरुस्त आते है।

In Picture, A broken watch at a repair shop, Leh.

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